डेस्क -इमामगंज के रहुई प्रखंड में फूलों की गांव ,जहां फूलो की खेती के लिए चर्चित है. यहां के किसान करीब 20 बीघा जमीन पर फूल की खेती करते हैं. यहां जाफरी, चाइनीज, चेरी, समेत कई फूलों की खेती काफी मात्रा में की जा रही है। लेकिन यहां के किसान को फूलों की बिक्री जितनी होना चाहिए उतना नहीं होने के कारण परेशान हैं। किसानों का कहना है कि हमलोग कोलकाता से पौधा लाकर यहां फूल की खेती करते हैं। लेकिन जब फूल उपज हो जाती है तो फूल की बिक्री सही तरीके से नहीं हो पाती है। सिर्फ लग्न में ही फुल की बिक्री होती है. बाकी के दिनो में नाम मात्र के फूल बिकते है।
पटना :- प्रेमचंद रंगशाला के प्रेक्षागृह में बिहार की बेहद लोकप्रिय सांस्कृतिक - सामाजिक संस्था 'बयार' की ओर से नाटक 'चरित्र-वध' का मंचन किया गया। बयार की प्रस्तुति 'चरित्र-वध' समाज के विभिन्न धाराओं के विचार और उनके टकराहट के बीच नकारात्मक और प्रगतिशील सोच के लुका-छिपी पर सीधा चोट है। अभिनेता मनोज मानव का चरित्र प्रोफेसर ‘धार्मिक कट्टरपंथी सोच और मानवता, सामाजिक समभाव एवं समरसता’ के वजूद को 'धर्म मनुष्य के लिए बनाया है या मनुष्य धर्म का गुलाम हो गया है' जैसे सवाल से जहां एक तरफ सामाजिक- सांस्कृतिक खाई को पाटने की कोशिश करता है। वही दूसरा कट्टरपंथी चरित्र धर्म के अफीमी सोच के खौफ से दूर मरने और मर मिटाने तक को वाजिब मानता है । सामाजिक सहिष्णुता के जीवन्तता की आखिरी सच के साथ ‘बयार’ की ये नई प्रस्तुति 'चरित्र-वध' प्रेक्षागृह के दर्शक के बीच में ज्वलंत सवाल छोड़ जाता है। इस नाटक में मनोज मानव सिंह और गोपाल पांडे मुख्य भूमिका में रहे। मंच पर प्रकाश परिकल्पना राजीव रॉय, पार्श्व-संगीत एवं ध्वनि-प्रभाव- धीरज कुमार, व
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